Créditos

INTERPRETAÇÃO
Bawari Basanti
Bawari Basanti
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Bawari Basanti
Bawari Basanti
Composição
Faiz Ahmad Faiz
Faiz Ahmad Faiz
Composição
PRODUÇÃO E ENGENHARIA
Siddh
Siddh
Produção

Letra

दूर ये यूँ कुछ धुएँ में गुम
हाथों में मुरझाई लक़ीरों की ख़ुशबू
पास आकर देखा परछाई सा हल्का
उन ही लक़ीरों का धोका रे
दूरियों से ही है मेरी...
आरज़ू, आरज़ू, आरज़ू
आरज़ू
एक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली
एक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली
वो भी चार दिन, चार दिन, चार दिन
देखे है हमने हौसले परवरदिगार के
दोनों जहाँ तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
वीराँ है मय-कदा, ख़ुम-ओ-साग़र उदास है
तुम क्या गए के रूठ गए दिन, रूठ गए दिन बहार के
आरज़ू, आरज़ू, आरज़ू
(आरज़ू, आरज़ू, आरज़ू)
Written by: Bawari Basanti, Faiz Ahmad Faiz
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