Letra

तेरा मेरा प्यार अमर फिर क्यों मुझको लगता है डर तेरा मेरा प्यार अमर फिर क्यों मुझको लगता है डर मेरे जीवन साथी बता दिल क्यों धड़के रह-रह कर क्या कहा है चाँद ने जिसको सुनके चाँदनी हर लहर पे झूमके क्यों ये नाचने लगी चाहत का है हरसू असर फिर क्यों मुझको लगता है डर तेरा मेरा प्यार अमर फिर क्यों मुझको लगता है डर कह रहा है मेरा दिल अब ये रात न ढले खुशियों का ये सिलसिला ऐसे ही चला चले तुझको देखूँ देखूँ जिधर फिर क्यों मुझको लगता है डर तेरा मेरा प्यार अमर फिर क्यों मुझको लगता है डर है शबाब पर उमंग हर खुशी जवान है मेरी दोनों बाहों में जैसे आस्मान है चलती हूँ मैं तारों पर फिर क्यों मुझको लगता है डर तेरा मेरा प्यार अमर फिर क्यों मुझको लगता है डर
Writer(s): Shailendra, Jaikshan Shankar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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