Vídeo da música

Gulaab Ke Sheher - Mitraz, Samr8 (Official Audio)
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Créditos

PERFORMING ARTISTS
Samr8
Samr8
Lead Vocals
Mitraz
Mitraz
Lead Vocals
COMPOSITION & LYRICS
Samr8
Samr8
Lyrics
Mitraz
Mitraz
Lyrics
Dhruv Sthetick
Dhruv Sthetick
Lyrics
PRODUCTION & ENGINEERING
Mitraz
Mitraz
Producer

Letra

गुलाबों के शहर में बस्ता है तू आँखों में है तेरी मीठी सी ये ख़ुशबू तेरे चेहरे से है रौशन मेरा सारा जहाँ, मेरी रूह, मेरी जाँ आँखें तेरी रोशनी हैं हर सुबह-शाम तेरा नाम है बसा इन हवाओं में, है धूप और छाँव में है सब तन्हाई में तेरा साथ दिल में जो ख़ामोशी है वो तूने मिटाई थाम ले तू बस मेरा हाथ मैं तुझे देखूँ, तू भी देखे मुझे जानूँ ना मैं, मेरा होश कहाँ है आँखें बंद करूँ, ढूँढूँ तुझे ये जान-ए-जानाँ, मेरा दोष भी ना है हम यादों में तेरे अक्सर बिखरने लगे हम बातों से तेरी कैसे सँभलने लगे? और होने लगे गुम अब होश मुझे आ के सँभाले ना, आँखों में है तेरी हम मदहोश मुझे रोको ना, ज़ालिम ज़माने की बातें ये तुम हर रोज़ मुझे होना नशा तेरा, आँखों को करे नम ख़ामोश मुझे होने को बोलो ना अब, क्योंकि... है बसा इन हवाओं में, है धूप और छाँव में है सब तन्हाई में तेरा साथ दिल में जो ख़ामोशी है वो तूने मिटाई थाम ले तू बस मेरा हाथ (है बसा इन हवाओं में, है धूप और छाँव में है) (सब तन्हाई में तेरा साथ)
Writer(s): Dhruv Sthetick, Mitraz, Samr8 Lyrics powered by www.musixmatch.com
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