Créditos
INTERPRETAÇÃO
Shriram Iyer
Interpretação
Mahesh Raghvan
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Shriram Iyer
Composição
Mahesh Raghvan
Composição
Letra
कहे जग सारा, "ठहर जा"
मोरी ना सुने तू, सँभल जा
बाँधे होंठों पे जो राज़
बीती मैं सुनाऊँ, थम जा
सह ना सके, कह ना सके
कोरे काग़ज़ की ये दास्ताँ
अँधेरों में उजाले करे
तेरे क़दमों तले ये जहाँ
कहे जग सारा, "ठहर जा"
मोरी ना सुने तू, सँभल जा
मनवा मेरा लागे ना अब कहाँ
घर को वापस भी आ, कैसे भुलाऊँ?
रूठ गया या मुझसे है ख़फ़ा?
अधूरा लागे समाँ, कैसे बताऊँ?
अब तो कहता ज़माना
"बहाना तुम्हारा पुराना हो गया"
कहे जग सारा, "ठहर जा"
मोरी ना सुने तू, सँभल जा
बाँधे होंठों पे जो राज़
बीती मैं सुनाऊँ, थम जा
...ठहर जा
...सँभल जा
...पे जो राज़
...थम जा
Written by: Mahesh Raghvan, Shriram Iyer