Vídeo da música
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Créditos
PERFORMING ARTISTS
Kaur-B
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Desi Crew
Composer
Narinder Batth
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
Desi Crew
Producer
Letra
सावन का महीना था, बारिश थी ज़ोरों की
अपनों की महफ़िल में शिरकत थी औरों की
वो नाम मेरा अक्सर दीवार पे लिखते थे
काग़ज़ पे लिखते थे, अख़बार पे लिखते थे
यही फ़र्क़ था दोनों में
हम दिल पे लिखते थे, वो दीवार पे लिखते थे
वो दीवार पे लिखते थे (वो दीवार पे लिखते थे)
सावन का महीना था, बारिश थी ज़ोरों की
अपनों की महफ़िल में शिरकत थी औरों की
अच्छा हुआ, छूट गई आदत उन बाँहों की
पतझड़ से मिला दिया, मैं गुलज़ार थी राहों की
आशिक़ मशरूफ़ रहे, आवाज़ भी ना पहुँची
माशूक़ की आहों की, माशूक़ की आहों की
(माशूक़ की आहों की)
सावन का महीना था, बारिश थी ज़ोरों की
अपनों की महफ़िल में शिरकत थी औरों की
ख़ुदगर्ज़ मोहब्बत का एक जश्न मनाएँगे
टूटे दिलवालों को दावत पे बुलाएँगे
वो आज नहीं तो क्या, कभी तो अपना था
बाँट के चेहरे से पर्दा ना हटाएँगे, पर्दा ना हटाएँगे
(एहसान जताएँगे)
सावन का महीना था, बारिश थी ज़ोरों की
अपनों की महफ़िल में शिरकत थी औरों की
(सावन का महीना था, बारिश थी ज़ोरों की)
(अपनों की महफ़िल में शिरकत थी औरों की)
Writer(s): Desi Crew, Narinder Batth
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