Créditos
INTERPRETAÇÃO
Vishal Mishra
Vocais principais
Aditya Dev
Vocais adicionais
Yogesh More
Shehnai
COMPOSIÇÃO E LETRA
Payal Dev
Composição
Manoj Muntashir
Letra
Aditya Dev
Arranjos
Letra
आज गली-गली अवध सजाएँगे
आज पग-पग पलक बिछाएंगे
ओह, आज गली-गली अवध सजाएँगे
आज पग-पग पलक बिछाएंगे
आज सूखे हुए पेड़ फल जाएंगे
नैना भीगे-भीगे जाएँ
कैसे खुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे
कुछ समझ ना पाएं
कहां फूल बिछाएं, राम आएंगे
नैना भीगे-भीगे जाएँ
कैसे खुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे
कुछ समझ ना पाएं
कहां फूल बिछाएं, राम आएंगे
सरजू जल-थल, जल-थल रोई
जिस दिन राघव हुए पराए
ओह, बिरहा के सौ परबत पिघले
हे रघुराई, तब तुम आए
ये वही क्षण है निरंजन
जिसको दशरथ देख ना पाए
सात जन्मों के दुख कट जाएंगे
आज सरजू के तट मुसकाएँगे
मोर नाचेंगे, पपीहे आज गाएँगे
आज दसों ये दिशाएँ
जैसे शगुन मनाएँ, राम आएँगे
नैना भीगे-भीगे जाएँ
कैसे खुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे
कभी ढोल बजाएँ
कभी द्वार सजाएँ, राम आएँगे
कुछ समझ ना पाएं
कहां दीप जलायें, राम आएँगे
जाके आसमानों से तारे मांग लायेंगे
कौशल्या के लल्ला जी, तुम्हीं पे सब लुटाएँगे
14 साल जो रोके, वो आँसू अब बहाएंगे
अवध में राम आएँगे, हमारे राम आएँगे
नील-गगन से सांवले, कोटि सूर्य सा तेज
नारायण तज आए हैं शेषनाग की सेज
"राघव, राघव" करते थे युग-युग से दिन-रैन
आज प्रभु ने दरस दिया, धन्य हुए हैं नैन
नतमस्तक हैं तीन लोक
और सुर-नर करें प्रणाम
एक चंद्रमा, एक सूर्य
एक जगत में राम
एक जगत में राम
आज दसों ये दिशाएँ
जैसे शगुन मनाएँ, राम आएँगे
नैना भीगे-भीगे जाएँ
कैसे खुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे
कभी ढोल बजाएँ
कभी द्वार सजाएँ, राम आएँगे
कुछ समझ ना पाएं
कहां दीप जलायें, राम आएँगे
Written by: Manoj Muntashir, Payal Dev, Swati Mishra, Vishal Mishra

