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Créditos

PERFORMING ARTISTS
Suhel Rais Khan
Suhel Rais Khan
Performer
Raktima
Raktima
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Suhel Rais Khan
Suhel Rais Khan
Composer

Letra

तुम जब से गए विदेश ना चिट्ठी, ना संदेश रब्बा ख़ैर, रब्बा ख़ैर नींदियाँ उड़ाई और चुराया मोरा चैना जागूँ सारी रैना तुम जब से गए विदेश ना चिट्ठी, ना संदेश रब्बा ख़ैर, रब्बा ख़ैर जाने ये कैसी तक़दीर, पाई मैंने जुदाई अब तो सही जाए ना मुझसे तनहाई एक दिन मिटेंगे अपने ये फ़ासलें, ये फ़ासलें एक पल ना होंगे दूर ना होंगे हम मजबूर रब्बा ख़ैर, रब्बा ख़ैर प्रीत की बंधी ऐसी डोर, हो गई मैं दीवानी ढूँढती फिरूँ मैं चारों ओर बावरी मैं ना जानी मुझको सता ना आजा, यूँ ना तड़पाना आजा देखें ज़माना काहे गयो परदेश? दिल पे लगा के ठेस रब्बा ख़ैर, रब्बा ख़ैर नींदियाँ उड़ाई और चुराया मोरा चैना जागूँ सारी रैना तुम जब से गए विदेश ना चिट्ठी, ना संदेश रब्बा ख़ैर, रब्बा ख़ैर रब्बा ख़ैर, रब्बा ख़ैर
Writer(s): Suhel Rais Khan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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