Créditos
INTERPRETAÇÃO
Shahid Mallya
Interpretação
Sohail Sen
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Sohail Sen
Composição
Irshad Kamil
Letra
Letra
[Verse 1]
कल मीरा तड़पी कान्हा को
सब लाज समाज गँवाई रे
अब प्रेम में तड़पन तरसन की
है बारी कान्हा की आई रे
[Verse 2]
मोरी जान गयी
मोरी जान गयी
हो तोरा खेल हुआ
(तोरा खेल हुआ)
मुझसे मैं रूठा
मुझ में मैं टूटा हाँ
[Verse 3]
मुझसे मैं रूठा
मुझ में मैं टूटा
मुझको मैंने इश्क वफा में
ख़ुद ही है लूटा
ख़ुद ही है लूटा
[Verse 4]
लुट लुट के
लुट लुट के
जीना है मरना बाँके यार बिना
[Verse 5]
सइयाँ
ख़ुद मैं की करन
सइयाँ
जीना या मरन
सइयाँ
रब मुझसे खफ़ा
सइयाँ
सइयाँ
ख़ुद मैं की करन
सइयाँ
जीना या मरन
सइयाँ
रब मुझसे खफ़ा
सइयाँ
[Verse 6]
मुझसे मैं रूठा
मुझ में मैं टूटा
मुझको मैंने इश्क वफा में
ख़ुद ही है लूटा
लुट लुट के
लुट लुट के
जीना है
मरना बाँके यार बिना
[Verse 7]
सइयाँ
ख़ुद मैं की करन
सइयाँ
जीना या मरन
सइयाँ
रब मुझसे खफ़ा
सइयाँ
सइयाँ
ख़ुद मैं की करन
सइयाँ
जीना या मरन
सइयाँ
रब मुझसे खफ़ा
सइयाँ
[Verse 8]
हो सपनों के शीशे टूटे
दुख की दरार से
चाह के भी निकले ना
मन मझधार से
कोइ भी ना बोले और
कोई भी बुलाए ना
पीर भी आवाज़ें सुनने
बादलों के पार से
रुस रुस के
रुस रुस के
मन से मर जाना
ख़ुद ही यार बिना
[Verse 9]
सइयाँ
ख़ुद मैं की करन
सइयाँ
जीना या मरन
सइयाँ
रब मुझसे खफ़ा
सइयाँ
सइयाँ
ख़ुद मैं की करन
सइयाँ
जीना या मरन
सइयाँ
रब मुझसे खफ़ा
सइयाँ
Written by: Irshad Kamil, Sohail Sen

