Letra
कुछ पल तो ठहर जाओ ना
या फिर लौट के आओ ना
यूँ कहते नहीं अलविदा
मुड़ जाओ, इधर आओ ना
तुम्हें ढूँढें मेरी आँखें
तुम्हें खोजें मेरी बाँहें
तुम बिन जिया जाए कैसे?
कैसे जिया जाए तुम बिन?
तुम बिन जिया जाए कैसे?
कैसे जिया जाए तुम बिन?
कितने थे वादे किए
एक पल में तोड़ दिए
झूठा नहीं तू मुझको पता है
बस थोड़ा रूठा सा है
तू रूठे, मैं मनाऊँ
पर तुम बिन कहाँ जाऊँ?
तुम बिन जिया जाए कैसे?
कैसे जिया जाए तुम बिन
तुम बिन जिया जाए कैसे?
कैसे जिया जाए तुम बिन?
ये आसमाँ और ज़मीं
बिन तेरे कुछ भी नहीं
साँसों से मोहलत ज़रा माँग लेना
यूँ उठ के जाते नहीं
या फिर तू मुझे ले चल
संग अपने जिधर तू चला
तुम बिन जिया जाए कैसे?
कैसे जिया जाए तुम बिन?
हो, तुम बिन जिया जाए कैसे?
कैसे जिया जाए तुम बिन?
Writer(s): Jeet Ganguly, Rashmi Singh
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