Créditos
PERFORMING ARTISTS
Meet Bros
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Meet Bros Anjjan
Composer
Kumaar
Lyrics
Letra
पलकें जिएँ कैसे आँखों बिना?
मुमकिन है ये क्या क्या मेरे ख़ुदा?
क्यूँ साँस लूँ यूँ ही बस बेवजह
रेहा कर मुझे मेरे दर्दों से ज़रा
दिल जो इबादत करे इश्क़ की
तो मर के भी ज़िंदा रहे आशिक़ी
जुनूनियत है यही, जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही, जुनूनियत है यही
तू नहीं तो लग रहे हैं रात जैसे दिन
आँखों के मौसम हैं भीगे आज तेरे बिन
तू जुदा तो रुक गई हैं सीने में साँसें कहीं
आँखों से बिछड़ी लकीरें कह रही हैं बस यही
दिल जो इबादत करे इश्क़ की
तो मर के भी ज़िंदा रहे आशिक़ी
जुनूनियत है यही, जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही, जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही, जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही, जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही
Written by: Kumaar, Meet Bros Anjjan

