Letra

कैसे जीयूँगी? कैसे? बता ते दे मुझको तेरे बिना कैसे जीयूँगी? कैसे? बता ते दे मुझको तेरे बिना तेरा-मेरा जहां, ले चलूँ मैं वहाँ कोई तुझको ना मुझसे चुरा ले रख लूँ आँखों में मैं, खोलूँ पलकें ना मैं कोई तुझको ना मुझसे चुरा ले मैं अंधेरों से घिरी हूँ आ दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा मैं अधूरी सी लहर हूँ आ दिला दे तू मुझको किनारा मेरा, हाँ जागी-जागी रातें मेरी, रोशन तुझसे है सवेरा तू ही मेरे जीने की वजह जब तक हैं ये साँसें मेरी, इनपे है सदा हक़ तेरा पूरी है तुझसे मेरी दुआ तेरा-मेरा जहां, ले चलूँ मैं वहाँ कोई तुझको ना मुझसे चुरा ले रख लूँ आँखों में मैं, खोलूँ पलकें ना मैं कोई तुझको ना मुझसे चुरा ले मैं अंधेरों से घिरी हूँ आ दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा मैं अधूरी सी लहर हूँ आ दिला दे तू मुझको किनारा मेरा मैं अंधेरों से घिरी हूँ आ दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा मैं अधूरी सी लहर हूँ आ दिला दे तू मुझको किनारा मेरा, हाँ, हाँ, हाँ
Writer(s): Palash Muchhal, Palak Muchhal Lyrics powered by www.musixmatch.com
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