Letra

समझौता ग़मों से कर लो समझौता ग़मों से कर लो ज़िंदगी में ग़म भी मिलते हैं, हो-ओ पतझड़ आते ही रहते हैं पतझड़ आते ही रहते हैं कि मधुबन फिर भी खिलते हैं, हो-ओ समझौता ग़मों से कर लो समझौता ग़मों से कर लो रात कटेगी, होंगे उजाले फिर मत गिरना, ओ, गिरने वाले रात कटेगी, होंगे उजाले फिर मत गिरना, ओ, गिरने वाले इंसाँ वो खुद सँभले, औरों को भी सँभाले हो, इंसाँ वो खुद सँभले, औरों को भी सँभाले, हो-ओ समझौता ग़मों से कर लो समझौता ग़मों से कर लो ज़िंदगी में ग़म भी मिलते हैं, हो-ओ समझौता ग़मों से कर लो समझौता ग़मों से कर लो भूल सभी से होती आई कौन है जिसने ना ठोकर खाई? भूल सभी से होती आई कौन है जिसने ना ठोकर खाई? भूलों से सीखे जो मंज़िल उसने पाई हो, भूलों से सीखे जो मंज़िल उसने पाई, हो-ओ समझौता ग़मों से कर लो समझौता ग़मों से कर लो ज़िंदगी में ग़म भी मिलते हैं, हो-ओ पतझड़ आते ही रहते हैं पतझड़ आते ही रहते हैं कि मधुबन फिर भी खिलते हैं, हो-ओ समझौता ग़मों से कर लो समझौता ग़मों से कर लो समझौता ग़मों से कर लो समझौता ग़मों से कर लो
Writer(s): Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah, Indeewar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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