Créditos
PERFORMING ARTISTS
Mukesh
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Dattaram
Composer
Gulzar Deenvi
Songwriter
Gulzar
Lyrics
Letra
रुत अलबेली, मस्त समाँ
साथ हसीं हर बात जवाँ
हवा का आँचल बड़ा है चंचल
धीरे-धीरे गाए मन, तेरी क़सम
अरे, रुत अलबेली, मस्त समाँ
साथ हसीं हर बात जवाँ
हवा का आँचल बड़ा है चंचल
धीरे-धीरे गाए मन, तेरी क़सम
इन मचलते पानियों में सुन गुनगुनाते साहिलों की धुन
रुत हसीन है, हम जवान, हाए तौबा
नाज़नीं जो कोई हँस पड़ी, मोतियों की खुल गई लड़ी
लाजवाब है क्या शबाब, हाए तौबा
रेशमी नज़र पड़ गई जिधर
खिल गई दुनिया
अरे, रुत अलबेली, मस्त समाँ
साथ हसीं हर बात जवाँ
हवा का आँचल बड़ा है चंचल
धीरे-धीरे गाए मन, तेरी क़सम
ये महल ना देखे कहीं, आसमाँ को चूमे ज़मीं
क्या ख़याल है? बेमिसाल, हाए तौबा
आरज़ू लिए निगाह में, मंज़िलें बुलाए राह में
इंतज़ार में बेक़रार, हाए तौबा
ख़्वाब तो नहीं ये ज़मीं कहीं?
खूब है दुनिया
अरे, रुत अलबेली, मस्त समाँ
साथ हसीं हर बात जवाँ
हवा का आँचल बड़ा है चंचल
धीरे-धीरे गाए मन, तेरी क़सम
अरे, रुत अलबेली, मस्त समाँ
साथ हसीं हर बात जवाँ
हवा का आँचल बड़ा है चंचल
धीरे-धीरे गाए मन, तेरी क़सम
Written by: Dattaram, Gulzar, Gulzar Deenvi

