Créditos
PERFORMING ARTISTS
Kishore Kumar
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Ravindra Jain
Songwriter
Letra
रासलीला, प्रेमलीला
रासलीला चल रही है काम और रति में
युग-युगांतर से निरंतर एक स्वर, एक गती में
रासलीला, प्रेमलीला
उचित कि अनुचित दिवस के रजनी प्रीत में प्रेमी भूले
हृदय भी हमदम चाहे केवल सुख की सीमा छू ले
...सुख की सीमा छू ले
रासलीला चल रही है काम और रति में
युग-युगांतर से निरंतर एक स्वर, एक गती में
रासलीला, प्रेमलीला
अन गिन चुंबन, मधु आलिंगन और निकट ले आते
जितना खोते एक दूजे में, उतना ही सुख पाते
...उतना ही सुख पाते
रासलीला चल रही है काम और रति में
Written by: Ravindra Jain