Letra

अच्छी, अच्छी, अच्छी मुझे तुम चुपके चुपके जब ऐसे देखती हो, अच्छी लगती हो कभी ज़ुल्फो से कभी आँचल से जब खेलती हो, अच्छी लगती हो मुझे देखके जब तुम या ठंडी आहे भरते हो, अच्छे लगते हो मुझको जब लगता है तुम मुझपर ही मरते हो, अच्छे लगते हो तुम मे ऐ मेहरबान सारी है खूबियाँ भोलापन सादगी, दिलकशी ताज़गी दिलकशी तुमसे है, ताज़गी तुमसे है तुम हुए हमनशी, हो गयी मैं हसीन रंग तुमसे मिले है सारे तारीफ जो सुनके तुम ऐसे शर्मा जाती हो, अच्छी लगती हो कभी हस देती हो और कभी इतरा जाती हो, अच्छी लगती हो मुझे देखके जब तुम या ठंडी आहे भरते हो, अच्छे लगते हो खोए से तुम हो क्यों? सोच मे गुम हो क्यों? बात जो दिल मे हो, कह भी दो कह भी दो सोचता हू के मैं, क्या पुकारू तुम्हे दिलनशीं नाज़नी माहेरू मेहजबी, ये सब है नाम तुम्हारे मेरे इतने सारे नाम है जब तुम यह कहते हो, अच्छे लगते हो मेरे प्यार मे जब तुम खोए खोए से रहते हो, अच्छे लगते हो मुझे तुम चुपके चुपके जब ऐसे देखती हो, अच्छी लगती हो कभी ज़ुल्फो से कभी आँचल से जब खेलती हो, अच्छी लगती हो अच्छे लगते हो, अच्छी लगती हो अच्छे लगते हो, अच्छी लगती हो अच्छे लगते हो
Writer(s): Javed Akhtar, Ehsaan Loy Shankar, Shankar, N/a Loy Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out