Letra

कभी काली रतियाँ, कभी दिन सुहाने क़िस्मत की बातें तो क़िस्मत ही जाने ओ, बेटा जी ओ, बेटा जी, अरे-ओ, बाबू जी क़िस्मत की हवा कभी नरम, कभी गरम कभी नरम-नरम, कभी गरम-गरम कभी नरम-गरम, नरम-गरम ओ, बेटा जी क़िस्मत की हवा कभी नरम, कभी गरम कभी नरम-नरम, कभी गरम-गरम कभी नरम-गरम, नरम-गरम, ओ, बेटा जी बड़ी अकड़ से बेटा निकले घर से actor होने वाह रे क़िस्मत, वाह रे क़िस्मत क़िस्मत में थे लिखे बर्तन धोने अरे भाई, लिखे बर्तन धोने ओ, बेटा जी जीने का मज़ा कभी नरम, कभी गरम कभी नरम-नरम, कभी गरम-गरम कभी नरम-गरम, नरम-गरम ओ, बेटा जी, अरे-ओ, बाबू जी क़िस्मत की हवा कभी नरम, कभी गरम कभी नरम-नरम, कभी गरम-गरम कभी नरम-गरम, नरम-गरम, ओ, बेटा जी दुनिया के इस चिड़ियाघर में तरह-तरह का जलवा मिले किसी को सूखी रोटी, किसी को पूरी-हलवा अरे भाई, किसी को पूरी-हलवा ओ, बेटा जी खिचड़ी का मज़ा कभी नरम, कभी गरम कभी नरम-नरम, कभी गरम-गरम कभी नरम-गरम, नरम-गरम, ओ, बेटा जी दर्द दिया तो थोड़ा-थोड़ा खुशी भी थोड़ी-थोड़ी वाह रे मालिक, वाह रे मालिक दुख और सुख की खूब बनाई जोड़ी अरे वाह, खूब बनाई जोड़ी ओ, बेटा जी जीवन का नशा कभी गरम, कभी नरम कभी नरम-नरम, कभी गरम-गरम कभी नरम-गरम, नरम-गरम ओ, बेटा जी, अरे-ओ, बाबू जी क़िस्मत की हवा कभी नरम, कभी गरम कभी नरम-नरम, कभी गरम-गरम कभी नरम-गरम, नरम-गरम, ओ, बेटा जी
Writer(s): Rajinder Krishan, Chitalkar Ramchandra Lyrics powered by www.musixmatch.com
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