Vídeo de música
Créditos
PERFORMING ARTISTS
Altaaf Sayyed
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Altaaf Sayyed
Songwriter
Anand Singh
Songwriter
Letra
इक झलक को तेरी मुंतज़िर दिल मेरा
भेस में चाँद के तू फ़लक पे तो आ
देख लूँ इक दफ़ा, आ, देख लूँ इक दफ़ा
तेरे रुख़सार का अक्स दिखता है क्या
रू-ब-रू तो आ, रू-ब-रू तो आ
रू-ब-रू तो आ, रू-ब-रू तो आ
चाहते कह रहीं, तू मिले जो अभी
आ, तेरे सामने मैं कह दूँ बातें सभी
ये फ़लक, ये ज़मीं है गवाह मेरे इश्क़ की
यार मासूम मेरा पर जानता कुछ नहीं
मेरे जज़्बात को लब पे आने तो दे
देखूँ होता है क्या इश्क़ का फ़लसफ़ा
रू-ब-रू तो आ, रू-ब-रू तो आ
रू-ब-रू तो आ, रू-ब-रू तो आ
ख़्वाहिशें ये मेरी शोर करने लगीं
छू ले तू इन्हें ज़रा तो थम जाएँगी सभी
हाँ, तू मुझमें कहीं इस तरह है बस गई
जिस्म हो भले जुदा पर जान है एक ही
ओ, इश्क़ के सफ़र में, इस हसीं डगर में
भूल के क़ायदे गुमराह होने तू आ
रू-ब-रू तो आ, रू-ब-रू तो आ
रू-ब-रू तो आ, रू-ब-रू तो आ
Writer(s): Altaaf Sayyed, Anand Singh
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