Letra
रात आई है, रात आने दो
नशा होता है, नशा होने दो
दिल जलता है, दिल जलने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
रात आती है, रात आने दो
नशा होता है, नशा होने दो
दिल जलता है, दिल जलने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
तेरे प्यार ने सर-ए-आम बदनाम कर दिया मुझे
शराब का गुलाम कर दिया मुझे
ना जी रहा हूँ, ना मैं मर सका
ऐसा मेरा हश्र है बन गया
जो पहले मयख़ाना था, वो घर है बन गया
कि अब तो साक़ी ने भी जाम का हिसाब ना रखा
दर्द होता है, दर्द होने दो
ज़ख्म गहरा है, इसे रहने दो
आँखें रोती हैं, इन्हें रोने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
रात आई है, रात आने दो
नशा होता है, नशा होने दो
दिल जलता है, दिल जलने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
रात आई है, मुझे पीने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
रात आई है, मुझे पीने दो
उसकी याद आई है, मुझे पीने दो
रात आई है, मुझे पीने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
रात आई है, मुझे पीने दो
उसकी याद आई है, मुझे पीने दो
Writer(s): Darshan Raval, Gautam Sharma, Gurpreet Saini
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