Letra

Hmm, चिंगारी कोई भड़के... चिंगारी कोई भड़के तो सावन उसे बुझाए सावन जो अगन लगाए, उसे कौन बुझाए? हो, उसे कौन बुझाए? पतझर जो बाग़ उजाड़े, वो बाग़ बहार खिलाए जो बाग़ बहार में उजड़े, उसे कौन खिलाए? हो, उसे कौन खिलाए? हम से मत पूछो, "कैसे मंदिर टूटा सपनों का?" हम से मत पूछो, "कैसे मंदिर टूटा सपनों का?" लोगों की बात नहीं है, ये क़िस्सा है अपनों का कोई दुश्मन ठेस लगाए तो मीत जिया बहलाए मनमीत जो घाव लगाए, उसे कौन मिटाए? ना जाने क्या हो जाता, जाने हम क्या कर जाते ना जाने क्या हो जाता, जाने हम क्या कर जाते पीते हैं तो ज़िंदा हैं, ना पीते तो मर जाते दुनिया जो प्यासा रखे तो मदिरा प्यास बुझाए मदिरा जो प्यास लगाए, उसे कौन बुझाए? हो, उसे कौन बुझाए?
Writer(s): R.d. Burman, Anand Bakshi Lyrics powered by www.musixmatch.com
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