Letra

तुम रूठी रहो, मैं मनाता रहूँ तुम रूठी रहो, मैं मनाता रहूँ कि इन अदाओं पे और प्यार आता है इन अदाओं पे और प्यार आता है थोड़े शिकवे भी हो, कुछ शिकायत भी हो थोड़े शिकवे भी हो, कुछ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है हाए, दिल को चुराकर ले गया मुँह छुपा लेना हमसे वो आपका मुँह छुपा लेना हमसे वो आपका देखना वो बिगड़ कर फिर हमें और दाँतों में उँगली का दाबना और दाँतों में उँगली का दाबना ओ, मुझे तेरी क़सम, ये ही समाँ मार गया इसी जल्वे पे तेरे दोनों जहाँ हार गया तुम रूठी रहो, मैं मनाता रहूँ कि इन अदाओं पे और प्यार आता है इन अदाओं पे और प्यार आता है थोड़े शिकवे भी हो, कुछ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है ये ना समझो कि तुमसे दूर हूँ ये ना समझो कि तुमसे दूर हूँ तेरे जीवन की प्यार-भरी आस हूँ तेरे जीवन की प्यार-भरी आस हूँ चाँद के संग जैसे है चाँदनी वैसे मैं भी तेरे दिल के पास हूँ वैसे मैं भी तेरे दिल के पास हूँ हाए, वो दिल ही नहीं जो ना धड़कना जाने और दिलदार नहीं जो ना तड़पना जाने थोड़े शिकवे भी हो, कुछ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है तुम रूठी रहो, मैं मनाता रहूँ कि इन अदाओं पे और प्यार आता है इन अदाओं पे और प्यार आता है चाहे कोई डगर हो प्यार की ख़त्म होगी ना तेरी-मेरी दास्ताँ ख़त्म होगी ना तेरी-मेरी दास्ताँ दिल जलेगा तो होगी रोशनी तेरे दिल में बनाया मैंने आशियाँ तेरे दिल में बनाया मैंने आशियाँ ओ, शरद पूनम की रंग-भरी चाँदनी मेरी सब कुछ, मेरी तक़दीर, मेरी ज़िंदगी तुम रूठी रहो, मैं मनाता रहूँ कि इन अदाओं पे और प्यार आता है इन अदाओं पे और प्यार आता है थोड़े शिकवे भी हो, कुछ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है
Writer(s): Hasrat Jaipuri, Shankar, Jai Kishan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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