Créditos
COMPOSITION & LYRICS
Shivargh Bhattacharya
Songwriter
Salman Khayaal
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
Pranjal Varshney
Mixing Engineer
Letra
इक मन मंदिर था ख़ाली सा
सूनी पूजा की थाली सा
तेर इश्क़ की लौ लग जाने तक
मुझमें उजियारा आने तक
मैं ख़ुद से भी कम मिलता था
मन भीतर तू,
तन बाहर मैं
मेरा हाज़िर तू
तेरा ज़ाहिर मैं
इक दैर की खाली चौखट पर
मैं खुद में उलझा बैठा था
तेरी मद्धिम मद्धिम ख़ुशबू ने
कोई कशका जैसे खींच दिया
मुझको जबसे तेरा लम्स मिला
मन भीतर तू
तन बाहर मैं
मेरा हाज़िर तू
तेरा ज़ाहिर मैं
मन लाग लगी है जाग लगी
मन के बन में जो आग लगी
जग जाग हुआ मन फाग हुआ
जब प्रीत हुई बैराग लगी
मन लाग लगी है जाग लगी
मन के बन में जो आग लगी
जग जाग हुआ मन फाग हुआ
जब प्रीत हुई बैराग लगी
Written by: Salman Khayaal, Shivargh Bhattacharya

