Letra

बार-बार, हाँ, बोलो, यार, हाँ अपनी जीत हो, उनकी हार, हाँ (Hey!) बार-बार, हाँ, बोलो, यार, हाँ अपनी जीत हो, उनकी हार, हाँ कोई हमसे जीत ना पावे, चले चलो, चले चलो मिट जावे जो टकरावे, चले चलो भले घोर अँधेरा छावे, चले चलो, चले चलो कोई राह मेरा थाम जावे, चले चलो टूट गई जब उँगली उठी पाँच उँगली तो बन गई मुट्ठी एका बढ़ता ही जावे, चले चलो, चले चलो कोई कितना भी बहकावे, चले चलो कोई हमसे जीत ना पावे, चले चलो, चले चलो मिट जावे जो टकरावे, चले चलो कोई ना अब रोके तुझे, टोके तुझे, तोड़ दे बँधन सारे मिला है क्या होके तुझे निर्मल? तू ही बता कभी ना दुख झेलेंगे, खेलेंगे ऐसे कि दुश्मन हारे कि अब तो ले लेंगे हिम्मत का रस्ता धरती हिला देंगे, सब को दिखा देंगे राजा है क्या, प्रजा है क्या, ओ हम जग पे छाएँगे, अब ये बताएँगे हम लोगों का दर्जा है क्या, ओ बार-बार, हाँ, बोलो, यार, हाँ अपनी जीत हो, उनकी हार, हाँ (Hey!) अब डर नहीं मन में आवे (बार-बार, हाँ), चले चलो, चले चलो (बोलो, यार, हाँ) हर बेड़ी अब खुल जावे (अपनी जीत हो), चले चलो (उनकी हार, हाँ) चला ही चल, हाँफ़ नहीं, काँप नहीं, राह में अब तू, राही थकन का साँप नहीं अब तुझे डसने पाए वही जो तेरा हाकिम है, जालिम है, की है जिसने तबाही घर उसका पश्चिम है, यहाँ ना बसने पाए धरती हिला देंगे, सब को दिखा देंगे राजा है क्या, प्रजा है क्या, ओ हम जग पे छाएँगे, अब ये बताएँगे हम लोगों का दर्जा है क्या, ओ जो होना है हो जावे, चले चलो, चले चलो अब सर ना कोई झुकावे, चले चलो कोई हमसे जीत ना पावे, चले चलो, चले चलो मिट जावे जो टकरावे, चले चलो बार-बार, हाँ (टूट गई जो), बोलो, यार, हाँ (उँगली उठी) अपनी जीत हो (पाँच उँगली तो), उनकी हार, हाँ (बन गई मुट्ठी)
Writer(s): Javed Akhtar, A R Rahman Lyrics powered by www.musixmatch.com
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