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Amir Se Hoga Ya Garib Se Hoga | Suresh Wadkar | Insaniyat Ke Dushman 1987 Song | Dimple Kapadia
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Создатели

ИСПОЛНИТЕЛИ
Suresh Wadkar
Suresh Wadkar
Исполнитель
МУЗЫКА И СЛОВА
Anu Malik
Anu Malik
Композитор
Sameer
Sameer
Тексты песен

Слова

अमीर से होगा या ग़रीब से होगा अमीर से होगा या ग़रीब से होगा प्यार जब भी होगा तो नसीब से होगा अपने नसीब से होगा अमीर से होगा या ग़रीब से होगा प्यार जब भी होगा तो नसीब से होगा अपने नसीब से होगा दिल, मैंने दिल तेरे नाम कर दिया तूने मुझे बदनाम कर दिया हाय, दिल, मैंने दिल तेरे नाम कर दिया तूने मुझे बदनाम कर दिया मैं उम्र भर भूल सकता नहीं क्या ख़ूब तूने ये काम कर दिया तू है अमीर और मैं हूँ ग़रीब क्या हो गया ये है अपना नसीब? अपना नसीब अरे, दोस्त से होगा या रक़ीब से होगा अरे, दोस्त से होगा या रक़ीब से होगा प्यार जब भी होगा तो नसीब से होगा अपने नसीब से होगा अमीर से होगा या ग़रीब से होगा प्यार जब भी होगा तो नसीब से होगा अपने नसीब से होगा दिन, वो भी दिन आएगा, हाँ, ज़रूर टूटेगा ये तेरा सारा ग़ुरुर अरे, दिन, वो भी दिन आएगा, हाँ, ज़रूर टूटेगा ये तेरा सारा ग़ुरुर ये दर्द की शाम ढल जायेगी तू होगी मेरी तरह मजबूर वो खेल तुमको दिखाऊँगा मैं क्या है नसीबा बताऊँगा मैं, बताऊँगा मैं दूर से होगा या क़रीब से होगा अरे, दूर से होगा या क़रीब से होगा प्यार जब भी होगा तो नसीब से होगा अपने नसीब से होगा अमीर से होगा या ग़रीब से होगा अमीर से होगा या ग़रीब से होगा प्यार जब भी होगा तो नसीब से होगा अपने नसीब से होगा
Writer(s): Sameer Lyrics powered by www.musixmatch.com
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