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इस जहाँ की नहीं हैं तुम्हारी आँखें
इस जहाँ की नहीं हैं तुम्हारी आँखें
आसमाँ से ये किस ने उतारी आँखें?
आए हैं हम जहाँ में तुम्हारे लिए
आए हैं हम जहाँ में तुम्हारे लिए
हैं तुम्हारे लिए ही हमारी आँखें
इस जहाँ की नहीं हैं तुम्हारी आँखें
आसमाँ से ये किस ने उतारी आँखें?
दो जहाँ देके ले लूँ तो सस्ती हैं ये
दो जहाँ देके ले लूँ तो सस्ती हैं ये
दो जहाँ से भी प्यारी तुम्हारी आँखें
दो जहाँ से भी प्यारी तुम्हारी आँखें
आसमाँ से ये किस ने उतारी आँखें?
आए हैं हम जहाँ में तुम्हारे लिए
हैं तुम्हारे लिए ही हमारी आँखें
रहते हो आँखों में तुम ही अब रात-दिन
रहते हो आँखों में तुम ही अब रात-दिन
अब तो घर है तुम्हारा हमारी आँखें
अब तो घर है तुम्हारा हमारी आँखें
हैं तुम्हारे लिए ही हमारी आँखें
इस जहाँ की नहीं हैं तुम्हारी आँखें
आसमाँ से ये किस ने उतारी आँखें?
दुनिया वालों से रखना बचाकर इन्हें
दुनिया वालों से रखना बचाकर इन्हें
ना चुरा ले कोई ये तुम्हारी आँखें
ना चुरा ले कोई ये तुम्हारी आँखें
आसमाँ से ये किस ने उतारी आँखें?
आए हैं हम जहाँ में तुम्हारे लिए
आए हैं हम जहाँ में तुम्हारे लिए
हैं तुम्हारे लिए ही हमारी आँखें
इस जहाँ की नहीं हैं तुम्हारी आँखें
आसमाँ से ये किस ने उतारी आँखें?
हैं तुम्हारे लिए ही हमारी आँखें
आसमाँ से ये किस ने उतारी आँखें?
हैं तुम्हारे लिए ही हमारी आँखें
आसमाँ से ये किस ने उतारी आँखें?
हैं तुम्हारे लिए ही हमारी आँखें
Writer(s): Nagrath Rajesh Roshan
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