Видео

LYRICAL: JAOON KAHAN | Billu | Irfan Khan, Lara Dutta | RAHAT FATEH ALI KHAN
Смотреть видео на песню «{artistName} — {trackName}»

В составе

Создатели

ИСПОЛНИТЕЛИ
Rahat Fateh Ali Khan
Rahat Fateh Ali Khan
Ведущий вокал
Bunty Rajput
Bunty Rajput
Программирование
DJ Phukan
DJ Phukan
Программирование
Prasad Sashte
Prasad Sashte
Программирование
Sandeep Shriodkar
Sandeep Shriodkar
Программирование
Vitamin E
Vitamin E
Программирование
МУЗЫКА И СЛОВА
Pritam
Pritam
Композитор
Sayeed Quadri
Sayeed Quadri
Тексты песен
ПРОДЮСЕРЫ И ЗВУКОРЕЖИССЕРЫ
Eric Pillai
Eric Pillai
Мастеринг-инженер
Gauri Khan
Gauri Khan
Продюсер

Слова

कब से उसको ढूँढता हूँ, भीगी पलकों से यहाँ अब ना जाने वो कहाँ है, था जो मेरा आशियाँ कब से उसको ढूँढता हूँ, भीगी पलकों से यहाँ अब ना जाने वो कहाँ है, था जो मेरा आशियाँ ਰੱਬਾ मेरे, मुझको बता, हाय दी मुझे क्यूँ ये सज़ा? अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ के जाऊँ कहाँ? अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ के जाऊँ कहाँ? (ਓ, ਮਾਹੀਆਂ, ਮਾਹੀਆਂ, ਮਾਹੀਆਂ) एक छोटा सा जहाँ था चंद ख़ुशियों से भरा उसको मुझसे छीन कर है मिल गया तुझको भी क्या? हो, एक छोटा सा जहाँ था चंद ख़ुशियों से भरा उसको मुझसे छीन कर है मिल गया तुझको भी क्या? अब है फ़क़त सिर्फ़ जाँ कर दूँ मैं वो भी अता अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ के जाऊँ कहाँ? अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ के जाऊँ कहाँ? वक़्त के कितने निशाँ हैं ज़र्रे-ज़र्रे में यहाँ दोस्तों के साथ के पल कुछ हसीं, कुछ ग़मज़दा वक़्त के कितने निशाँ हैं ज़र्रे-ज़र्रे में यहाँ दोस्तों के साथ के पल कुछ हसीं, कुछ ग़मज़दा सब हुआ अब तो फ़ना बस रहा बाक़ी धुआँ अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ के जाऊँ कहाँ? अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ के जाऊँ कहाँ? कब से उसको ढूँढता हूँ, भीगी पलकों से यहाँ अब ना जाने वो कहाँ है, था जो मेरा आशियाँ ਰੱਬਾ मेरे, मुझको बता, हाय दी मुझे क्यूँ ये सज़ा? अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ कर जाऊँ कहाँ? अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ के जाऊँ कहाँ? अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ कर जाऊँ कहाँ? अब सारे बंधन तोड़ के, यादों को तनहा छोड़ के मैं ग़म से रिश्ता जोड़ के जाऊँ कहाँ?
Writer(s): Sayeed Quadri, Anu Malik Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out