Слова
मैं देखूँ
जो तुझको
तो प्यास बढ़े
तू रोज़
तू रोज़,
दो घूँट चढ़े
मुझसे
तू ना मुझसे
कभी बिछड़े
तू रोज़
तू रोज़
दो घूँट चढ़े
ये जो हल्का हल्का सूरूर है
ये जो पहला पहला सूरूर है
मेरा इश्क मेरा फ़ितूर है
तेरा इश्क है या फ़ितूर है
मैंने ख़ुद को तुझपे लुटा दिया
तेरा हो के खुद को मिटा दिया
तू हर
एक पहलू सी ख़ास लगे
तू पास है आज
तो प्यास लगे
महकी सी तू कोई
मिठास लगे
तू पास है आज
तो प्यास लगे
ये जो हल्का हल्का सूरूर है
ये जो पहला पहला सूरूर है
तेरे हुस्न को यह गुरूर है
मेरे हूंस का यह क़ुसूर है
मैंने ख़ुद को तुझपे लुटा दिया
तेरा हो के खुद को मिटा दिया
तेरी बहकी बहकी निगाह में
मैंने खुद को तुझपे लुटा दिया
तेरा हो के खुद को मिटा दिया
ये जो हल्का हल्का सूरूर है
ये जो पहला पहला सूरूर है
मैंने खुद को तुझपे लुटा दिया
तेरा हो के खुद को मिटा दिया
मैंने खुद को तुझपे लुटा दिया
तेरा हो के खुद को मिटा दिया
Writer(s): Amit Trivedi, Irshad Kamil
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