Слова

जब से तेरी चाहत की गलियों से हम हो आए तब से मेरे इस दिल ने मुझ पर कितने सितम ढाए सीने में मेरे धड़के है पर धुन ये तेरी गाए मुझसे ज़्यादा तुझको, सनम, दिल ये मेरा चाहे मुझसे ज़्यादा तुझको, सनम, दिल ये मेरा चाहे दिल तेरी ख़ुशियों की हर पल फ़िक्र सी करता है हर लम्हा बस तेरे ख़यालों से ये सँवरता है तेरे बिना तो हर इक पल सदियों सा गुज़रता है क़ाश कि मेरे ये हालात तुझको नज़र आएँ मुझसे ज़्यादा तुझको, सनम, दिल ये मेरा चाहे मुझसे ज़्यादा तुझको, सनम, दिल ये मेरा चाहे ओ, दिल की सुर्ख़ दीवारों के तू देख ज़रा उस पार तस्वीरों से तेरा सजा है दिल का मेरे गुलज़ार रब से तुझे माँगा मैंने सजदों में हर बार क़ाश कि मेरी दुआओं का तुझ पे असर आए मुझसे ज़्यादा तुझको, सनम, दिल ये मेरा चाहे मुझसे ज़्यादा तुझको, सनम, दिल ये मेरा चाहे मुझसे ज़्यादा तुझको, सनम, दिल ये मेरा चाहे
Writer(s): Altaaf Sayyed, Anand Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com
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