Создатели

ИСПОЛНИТЕЛИ
Kaniska
Kaniska
Исполнитель
МУЗЫКА И СЛОВА
Kailash Shrivastav
Kailash Shrivastav
Композитор
Sanjay Kumar
Sanjay Kumar
Автор песен

Слова

सच बात पूछती हूँ, बताओ ना, बाबू जी
छुपाओ ना, बाबू जी
क्या याद मेरी आती नहीं?
सच बात पूछती हूँ, बताओ ना, बाबू जी
छुपाओ ना, बाबू जी
क्या याद मेरी आती नहीं?
क्या याद मेरी आती नहीं?
क्या याद मेरी आती नहीं?
पैदा हुई, घर में मेरे मातम सा छाया था
पापा तेरे खुश थे, मुझे माँ ने बताया था
ले-ले के नाम प्यार जताते भी मुझे थे
आते थे कहीं से तो बुलाते भी मुझे थे
मै हूँ नहीं तो किसको बुलाते हो, बाबू जी?
क्या याद मेरी आती नहीं?
हर ज़िद मेरी पूरी हुई, हर बात मानते
बेटी थी मगर बेटों से ज्यादा थे जानते
घर में कभी होली, कभी दीपावली आई
Sandal भी मेरी आई, मेरी frock भी आई
अपने लिए बंडी भी ना लाते थे बाबू जी
क्या कमाते थे बाबू जी
क्या याद मेरी आती नहीं?
सारी उम्र खर्चे में, कमाई में लगा दी
दादी बीमार थी तो दवाई में लगा दी
पढ़ने लगे हम सब तो पढाई में लगा दी
बाक़ी बचा, वो मेरी सगाई में लगा दी
अब किसके लिए इतना कमाते हो, बाबू जी?
बचाते हो, बाबू जी
क्या याद मेरी आती नहीं?
कहते थे, "मेरा मन कहीं एक पल ना लगेगा
बिटिया विदा हुई तो ये घर, घर ना लगेगा"
कपड़े, कभी गहने, कभी सामान सँजोते
तैयारियाँ भी करते थे, छुप-छुप के थे रोते
कर-कर के याद अब तो ना रोते हो, बाबू जी?
ना रोते हो, बाबू जी?
क्या याद मेरी आती नहीं?
कैसी परंपरा है ये, कैसा विधान है
पापा, बता ना कौन सा मेरा जहान है?
आधा यहाँ, आधा वहाँ, जीवन है अधुरा
पीहर मेरा पूरा है, ना ससुराल है पूरा
क्या आपका भी प्यार अधूरा है, बाबू जी?
ना पूरा है, बाबू जी
क्या याद मेरी आती नहीं?
क्या याद मेरी आती नहीं?
क्या याद मेरी आती नहीं?
Written by: Kailash Shrivastav, Sanjay Kumar
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