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Chana Jor Garam - Mohammed Rafi - Kishore Kumar- Nitin Mukesh - Lata Mangeshkar - Kranti [1981]
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Создатели

ИСПОЛНИТЕЛИ
Kishore Kumar
Kishore Kumar
Ведущий вокал
Lata Mangeshkar
Lata Mangeshkar
Исполнитель
Mohammed Rafi
Mohammed Rafi
Исполнитель
Nitin Mukesh
Nitin Mukesh
Исполнитель
Laxmikant-Pyarelal
Laxmikant-Pyarelal
Исполнитель
Santosh Anand
Santosh Anand
Исполнитель
DJ Harshit Shah
DJ Harshit Shah
Ремиксер
DJ MHD IND
DJ MHD IND
Ремиксер
МУЗЫКА И СЛОВА
Laxmikant-Pyarelal
Laxmikant-Pyarelal
Композитор
Santosh Anand
Santosh Anand
Автор песен

Слова

तुम-तुम तरारा तुम-तुम तरम तुम-तुम तरारा तुम-तुम तरम तुम-तुम तरारा तुम-तुम तरम तुम-तुम तरारा तुम-तुम तरम तुम-तुम तरम-तरम तुम-तुम तरम-तरम दुनिया के हैं लाख धरम पर अपना एक करम चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम बाबू मैं लाई मज़ेदार चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम बाबू मैं लाया मज़ेदार चना ज़ोर गरम मेरा चना बना है आला जिसमें डाला गरम-मसाला इसको खाएगा दिलवाला चना ज़ोर गरम मेरा चना खा गया गोरा मेरा चना खा गया गोरा खा के बन गया तगड़ा घोड़ा मैने पकड़ के उसे मरोड़ा मार के टंगड़ी उसको तोड़ा चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम बाबू मैं लाया मज़ेदार चना ज़ोर गरम मेरे चने की आँख शराबी-शराबी चने की आँख शराबी हो इसके देखो गाल गुलाबी-गुलाबी देखो गाल गुलाबी हो इसका कोई नहीं जवाबी इसका कोई नहीं जवाबी जैसे कोई कुड़ी पंजाबी जैसे कोई कुड़ी पंजाबी नाचे छनन-छनन नाचे छनन-छनन कोठे चढ़ के तैनू पुकारां सुन ले मेरे बलम चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम बाबू मैं लाई मज़ेदार चना ज़ोर गरम मेरा चना खा गए गोरे-गोरे मेरा चना खा गए गोरे ओ गोरे जो गिनती में हैं थोड़े ओ फिर भी मारें हमको कोड़े फिर भी मारें हमको कोड़े तुम-तुम तरम-तरम तुम-तुम तरम-तरम लाखों कोड़े टूटे फिर भी टूटा न दम-खम चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम बाबू मैं लाया मज़ेदार चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम बाबू मैं लाया मज़ेदार चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम चना ज़ोर गरम ओ... अआ... ओ... ओ मेरा चना है अपनी मर्ज़ी का मर्ज़ी का भई मर्ज़ी का मेरा चना है अपनी मर्ज़ी का मर्ज़ी का भई मर्ज़ी का ये दुश्मन है ख़ुदगर्ज़ी का ख़ुदगर्ज़ी का ख़ुदगर्ज़ी का सर क़फ़न बाँध कर निकला है दीवाना है ये पगला है मेरा चना है अपनी मर्ज़ी का मर्ज़ी का भई मर्ज़ी का अपनों से नाता जोड़ेगा ग़ैरों के सर को फोड़ेगा अपना ये वचन निभाएगा माटी का कर्ज़ चुकाएगा चना है अपनी मर्ज़ी का मर्ज़ी का भई मर्ज़ी का मिट जाने को मिट जाएगा आज़ाद वतन कर जाऐगा न तो चोरी है न तो डाका है बस ये तो एक धमाका है धमाके में आवाज़ भी है इक सोज़ भी है इक साज़ भी है समझो तो ये बात साफ़ भी है और न समझो तो राज़ भी है अपनी धरती अपना है गगन ये मेरा है मेरा है वतन अपनी धरती अपना है गगन ये मेरा है मेरा है वतन इस पर जो आँख उठाएगा ज़िन्दा दफ़नाया जाएगा मेरा चना है अपनी मर्ज़ी का मर्ज़ी का भई मर्ज़ी का ये दुश्मन है ख़ुदगर्ज़ी का ख़ुदगर्ज़ी का ख़ुदगर्ज़ी का मेरा चना है अपनी मर्ज़ी का मर्ज़ी का भई मर्ज़ी का ये दुश्मन है ख़ुदगर्ज़ी का ख़ुदगर्ज़ी का ख़ुदगर्ज़ी का|
Writer(s): Anand Santosh, Laximkant Pyarelal Lyrics powered by www.musixmatch.com
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