Слова

रात तारों की है मोती सब सीप के चाँद की जिस तरह चाँदनी तेरी बन के जियूँ तेरी हो के मरूँ मैं भी बस इसलिए हूँ बनी हो, ओ, हो, हो साजना रे, साजना रे, प्यार से देख तो तू कभी तू है सागर वही जिसकी मैं हूँ नदी अंत मेरा लिखा तुझमें ही साजना रे, साजना रे, साजना रे रेत सूखी, मैं सईयाँ, तू सावन तू जो मैली करे होंगी पावन तुझको पा लूँ तो गंगा बनी मैं बहूँ बिन तेरे मैं अधूरी-अधूरी तू जो अपना ले हो जाऊँ पूरी ग़म नहीं, फिर रहूँ या ना रहूँ ख़ाख़ बन के पिया उड़ती, बिछती फिरूँ तू गुज़रता है जिस-जिस गली मैं तो भूखी पिया इक तेरी दीद की तुझको ना हो क़दर ना सही साजना रे, साजना रे, प्यार से देख तो तू कभी तू है सागर वही जिसकी मैं हूँ नदी अंत मेरा लिखा तुझमें ही साजना रे, साजना रे, साजना रे साजना रे, साजना रे, साजना रे साजना, साजना, साजना रे
Writer(s): Gajendra Verma, Aseem Abbasee Lyrics powered by www.musixmatch.com
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