Lyrics

तुम्हारे सिवा कुछ ना चाहत करेंगे के जब तक जिएँगे मोहब्बत करेंगे (मोहब्बत-मोहब्बत, मोहब्बत-मोहब्बत) तुम्हारे सिवा कुछ ना चाहत करेंगे के जब तक जिएँगे मोहब्बत करेंगे तुम्हारे सिवा कुछ ना चाहत करेंगे के जब तक जिएँगे मोहब्बत करेंगे नज़र चाहती है दीदार करना ये दिल चाहता है तुम्हें प्यार करना तुम्हारी वफ़ा में डूबे रहे हम है क्या हाल दिल का, ये कैसे कहें हम? महकने लगेगा... महकने लगेगा बदन ये तुम्हारा हम आँखों से ऐसी शरारत करेंगे तुम्हारे सिवा कुछ ना चाहत करेंगे के जब तक जिएँगे मोहब्बत करेंगे हमें अपने दिल में बसाया है तुमने मोहब्बत के क़ाबिल बनाया है तुमने अगर तुम ना मिलते तो हम जी ना पाते किसे अपना कहते? कहाँ दिल लगाते? सज़ा रब जो देगा... सज़ा रब जो देगा वो मंजूर हमको के अब हम तुम्हारी इबादत करेंगे तुम्हारे सिवा कुछ ना चाहत करेंगे के जब तक जिएँगे मोहब्बत करेंगे मोहब्बत-मोहब्बत, मोहब्बत-मोहब्बत मोहब्बत-मोहब्बत, मोहब्बत-मोहब्बत
Writer(s): Faaiz Anwar Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out