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Credits

PERFORMING ARTISTS
Sona Mohapatra
Sona Mohapatra
Performer
Ravindra Upadhyay
Ravindra Upadhyay
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Ram Sampath
Ram Sampath
Composer
Javed Akhtar
Javed Akhtar
Lyrics

Lyrics

मन तेरा जो रोग, मोहे समझ ना आए पास है जो, सब छोड़ के दूर को पास बुलाए जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा क्या जाने क्यूँ है, क्या जाने कैसी, अनदेखी सी डोर जो खेंचती है, जो ले चली है जो खेंचती है, जो ले चली है अब यूँ मुझे तेरी ओर हो, मैं अनजानी हूँ वो कहानी होगी ना जो पूरी हो, मैं अनजानी हूँ वो कहानी होगी ना जो पूरी हो, पास आओगे तो पाओगे पास आओगे तो पाओगे, फिर भी है एक दूरी जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा (जिया) (जिया) मन अब तक जो बूझ ना पाया, तुम वो पहेली हो कोई ना जाने क्या वो रहस् है कोई ना जाने क्या वो रहस् है जिसकी सहेली हो हो, मैं मुस्काऊँ, सब से छुपाऊँ, व्याकुल हूँ दिन-रैन हो, मैं मुस्काऊँ, सब से छुपाऊँ, व्याकुल हूँ दिन-रैन हो, कब से ना आई नैनों में निंदिया कब से ना आई नैनों में निंदिया, मन में ना आया चैन जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा
Writer(s): Javed Akhtar, Ram Sampath Lyrics powered by www.musixmatch.com
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