Lyrics

तुम याद ना आया करो तुम याद ना आया करो जब याद तुम्हारी आती है मैं पागल सा हो जाता हूँ गुज़रे लम्हों की वादी में मैं दूर कहीं खो जाता हूँ, हो-ओ-ओ तुम याद ना आया करो तुम याद ना आया करो वो झील, वो लहरें, वो कश्ती वो शोख लड़कपन की वो मस्ती महफ़ूज है अब तक आँखों में उस पार वो छोटी सी बस्ती क्या-क्या नहीं गुजरी इस दिल पे ये बात तुम्हें मालूम नहीं कैसे कटते हैं रो-रो के दिन-रात तुम्हें मालूम नहीं, ओ-ओ-ओ तुम याद ना आया करो तुम याद ना आया करो तुमने ये मुझे दी कैसी सज़ा किस मोड़ पे ला के छोड़ दिया जीना तो यहाँ मुश्किल है मगर मरना भी हमें दुश्वार हुआ क्या खूब मोहब्बत की तुमने दी ज़ख्मों की सौगात मुझे दिन-रात बहुत तड़पाते हैं वो गुज़रे हुए लमहात मुझे तुम याद ना आया करो तुम याद ना आया करो वो पेड़ जहाँ पर हम दोनों खो जाते थे मीठी बातों में बे-खौफ़ मिला करते थे सनम सर्दी, गर्मी, बरसातों में जब याद वो बातें करता हूँ दम जैसे निकलने लगता है माहौल में ग़म का फैला हुआ सन्नाटा डसने लगता है, ओ-ओ-ओ तुम याद ना आया करो तुम याद ना आया करो जब याद तुम्हारी आती है मैं पागल सा हो जाता हूँ गुज़रे लम्हों की वादी में मैं दूर कहीं खो जाता हूँ, ओ-ओ-ओ तुम याद ना आया करो तुम याद ना आया करो
Writer(s): Sajid Ajmeri, Ramlaxman Lyrics powered by www.musixmatch.com
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