Credits

PERFORMING ARTISTS
Hariharan
Hariharan
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Hariharan
Hariharan
Composer
Muztar Siddique
Muztar Siddique
Songwriter

Lyrics

उनसे जब-जब भी मुलाक़ातें हुईं
उनसे जब-जब भी मुलाक़ातें हुईं
सारी-सारी रात बरसातें हुईं
उनसे जब-जब भी मुलाक़ातें हुईं
सारी-सारी रात बरसातें हुईं
उनसे जब-जब भी मुलाक़ातें हुईं
मेरी दुनिया में अँधेरा हो गया
मेरी दुनिया में अँधेरा हो गया
मेरी दुनिया में अँधेरा हो गया
मेरी दुनिया में अँधेरा हो गया
ग़ैर के घर चाँदनी रातें हुईं
ग़ैर के घर चाँदनी रातें हुईं
सारी-सारी रात बरसातें हुईं
उनसे जब-जब भी मुलाक़ातें हुईं
जाने कब पहलू से उठ कर चल दिए
जाने कब पहलू से उठ कर चल दिए
जाने कब पहलू से उठ कर चल दिए
जाने कब पहलू से उठ कर चल दिए
रात-भर दीवार से बातें हुईं
रात-भर दीवार से बातें हुईं
सारी-सारी रात बरसातें हुईं
उनसे जब-जब भी मुलाक़ातें हुईं
बेक़रारी में कटे कितने ही दिन
बेक़रारी में कटे कितने ही दिन
बेक़रारी में कटे कितने ही दिन
बेक़रारी में कटे कितने ही दिन
ख़्वाब देखे कितनी ही रातें हुईं
ख़्वाब देखे कितनी ही रातें हुईं
सारी-सारी रात बरसातें हुईं
उनसे जब-जब भी मुलाक़ातें हुईं
सारी-सारी रात बरसातें हुईं
उनसे जब-जब भी मुलाक़ातें हुईं
Written by: Hariharan, Muztar Siddique
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