Credits
PERFORMING ARTISTS
Talat Aziz
Performer
Dilraj Kaur
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Rajesh Roshan
Composer
Suraj Sanim
Songwriter
Lyrics
कभी ख़्वाब में या ख़याल में
कभी ख़्वाब में या ख़याल में
कभी ज़िंदगानी के धार पे
मैं अधूरा सा एक गीत हूँ
मुझे अर्थ दे तो सँवार के
कभी ख़्वाब में या ख़याल में
वो बेनाम सी कोई जुस्तजू
वो अपने आप से गुफ़्तगू
वो बेनाम सी कोई जुस्तजू
वो अपने आप से गुफ़्तगू
तुझे छू लिया तो मुझे लगा
तुझे छू लिया तो मुझे लगा
दिन आ गए हैं क़रार के
कभी ख़्वाब में या ख़याल में
मेरे दिल की नगरी में बस भी जा
तुझे बख़्श दूँ ज़मी-आसमाँ
मेरे दिल की नगरी में बस भी जा
तुझे बख़्श दूँ ज़मी-आसमाँ
मुझे डर है तेरी आवारगी
मुझे डर है तेरी आवारगी
कहीं दो जहाँ ना उजाड़ दे
कभी ख़्वाब में या ख़याल में
ना मिली थी तुम तो था जी रहा
ना मिलोगी तो ना जी पाऊँगा
ना मिली थी तुम तो था जी रहा
ना मिलोगी तो ना जी पाऊँगा
मेरी तिश्नगी को जगा दिया
मेरी तिश्नगी को जगा दिया
तेरे साथ ने, तेरे प्यार ने
कभी ख़्वाब में या ख़याल में
गो आज पहली ये रात है
तेरे हाथ में मेरा हाथ है
गो आज पहली ये रात है
तेरे हाथ में मेरा हाथ है
था बहुत दिनों से ये फ़ैसला
था बहुत दिनों से ये फ़ैसला
तुझे जीत लूँगी मैं हार के
कभी ख़्वाब में या ख़याल में
Written by: Rajesh Roshan, Suraj Sanim