Music Video

Music Video

Credits

PERFORMING ARTISTS
Jaswant Singh
Jaswant Singh
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Nikhil Vinay
Nikhil Vinay
Composer
Prashant Vatsala
Prashant Vatsala
Lyrics

Lyrics

वो सूखे फूल तुम अपनी किताबों से हटा देना
वो सूखे फूल तुम अपनी किताबों से हटा देना
जहाँ तक हो सके हर नक़्श चाहत का मिटा देना
जहाँ तक हो सके हर नक़्श चाहत का मिटा देना
वो सूखे फूल तुम अपनी किताबों से हटा देना
वो सूखे फूल तुम अपनी किताबों से हटा देना
जहाँ तक हो सके हर नक़्श चाहत का मिटा देना
जहाँ तक हो सके हर नक़्श चाहत का मिटा देना
वो सूखे फूल तुम अपनी किताबों से हटा देना
तुम्हारी बेवफ़ाई दूसरों पर क्यूँ उजागर हो?
तुम्हारी बेवफ़ाई दूसरों पर क्यूँ उजागर हो?
तुम्हारी बेवफ़ाई दूसरों पर क्यूँ उजागर हो?
तुम्हारी बेवफ़ाई दूसरों पर क्यूँ उजागर हो?
मेरे कुछ ख़त तुम्हारे पास हैं, उनको जला देना
मेरे कुछ ख़त तुम्हारे पास हैं, उनको जला देना
जहाँ तक हो सके हर नक़्श चाहत का मिटा देना
वो सूखे फूल तुम अपनी किताबों से हटा देना
कभी अपने त'अल्लुक़ की अगर बात आ भी जाती है
कभी अपने त'अल्लुक़ की अगर बात आ भी जाती है
कभी अपने त'अल्लुक़ की अगर बात आ भी जाती है
कभी अपने त'अल्लुक़ की अगर बात आ भी जाती है
तो हँस कर टाल जाना, या के बातों में उड़ा देना
तो हँस कर टाल जाना, या के बातों में उड़ा देना
जहाँ तक हो सके हर नक़्श चाहत का मिटा देना
जहाँ तक हो सके हर नक़्श चाहत का मिटा देना
वो सूखे फूल तुम अपनी किताबों से हटा देना
वो सूखे फूल तुम अपनी किताबों से हटा देना
Written by: Nikhil-Vinay, Prashant Vatsala
instagramSharePathic_arrow_out

Loading...