Lyrics
हममें-तुममें जो था वो ख़तम हो गया
मोड़ पे आख़िरी मैं रह गया
मैंने कोशिश बहुत की बचा लूँ
मगर पहले दिल, बाद में घर जल गया
सीने में दी जगह मैंने जिस राज़ को
आँखों से वो मेरी बह ही गया
हममें-तुममें जो था वो ख़तम हो गया
मोड़ पे आख़िरी मैं रह गया
मेरे लिए तू वही है, बदला कुछ नहीं
खेल है ये वक्त का सब, बिगड़ा कुछ नहीं
है क़सम, तू आ के ले चल मुझे फिर वहीं
ऐ मसीहा मेरे, आ ज़ख़म भर भी दे
दर्द में डूबी हुई गहराइयाँ
Writer(s): Jeet Ganguly, Rashmi Singh
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