Credits

PERFORMING ARTISTS
Mohammed Aziz
Mohammed Aziz
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Laxmikant-Pyarelal
Laxmikant-Pyarelal
Composer
Farooq Qaiser
Farooq Qaiser
Songwriter

Lyrics

हीरे, मोती, सोने, चांदी से बने पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें...
कैसे-कैसे रूप में है, देख ले पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
नर्म-ओ-नाज़ुक है बदन...
नर्म-ओ-नाज़ुक है बदन, दिल में ज़रा नरमी नहीं
नर्म-ओ-नाज़ुक है बदन, दिल में ज़रा नरमी नहीं
संगेमरमर से बनाए तूने क्यों ऐसे हसीं, ऐसे हसीं?
ख़ूबसूरत हो के भी लगते बुरे पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
तेरे गुलशन में नहीं है कोई फूलों की कमी
तेरे गुलशन में नहीं है कोई फूलों की कमी
काश तू इन से बनाता छोटे-मोटे आदमी, छोटे-मोटे आदमी
बे-मुरव्वत, बेवफ़ा हैं ये तेरे पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
बात खुल के कह रहा हूँ, दिल को अपने थामना
बात खुल के कह रहा हूँ, दिल को अपने थामना
तेरे बंदे कर रहे हैं आज तेरा सामना
तेरे बंदे कर रहे हैं आज तेरा सामना
पहले तू पत्थर का था...
पहले तू पत्थर का था, अब है तेरे पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
हीरे, मोती, सोने, चांदी से बने पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
काँच की दुनिया में हमें सब मिलें पत्थर के लोग
Written by: Farooq Qaiser, Laxmikant-Pyarelal
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