Credits
PERFORMING ARTISTS
Kailash Kher
Performer
Sukanya Purayastha
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Shankar Ehsaan Loy
Composer
Javed Akhtar
Lyrics
Lyrics
कैसी है ये उदासी छाई? मेरे दिल
कैसी गहरी है ये तनहाई? मेरे दिल
राहों में यादों की ख़ामोशी बरसे
आँखों में जो ग़म हैं आँसू को तरसे
ये बता, ये क्यूँ हुआ?
बुझ गया क्यूँ हर दीया?
कैसी है ये उदासी छाई? मेरे दिल
ओ, जो भी मिला वो खो गया
तुझको पता है ऐसा ही सदा होता है
जाना ही था वो जो गया
दिल तू अकेला ऐसे क्यूँ भला रोता है?
भूले जो हैं तुझको अब उनको भूल जा तू भी
वरना मेरे साथ यादों के ज़ख़्म खा तू भी
मान जा, ए दिल मेरे
भूल जा शिकवे-गिले
कैसी है ये उदासी छाई?
हो, तू ही बता, ए मेरे दिल
मैंने तो हमेशा तेरा ही कहा माना है
क्यूँ है मुझे ये ग़म घेरे?
मुझे उम्र भर क्या बस यही सज़ा पाना है?
सपने बोए मैंने और दर्द मैंने हैं काटे
गाए गीत मैंने और पाए मैंने सन्नाटे
आरज़ू नाकम है
सूनी सी हर शाम है
कैसी है ये उदासी छाई? मेरे दिल
कैसी गहरी है ये तनहाई?
Writer(s): Javed Akhtar
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