Lyrics

तेरी दुनिया से होके मजबूर चला मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला तेरी दुनिया से होके मजबूर चला मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला तेरी दुनिया से... इस क़दर दूर कि फिर लौट के भी आ ना सकूँ ऐसी मंज़िल कि जहाँ ख़ुद को भी मैं पा ना सकूँ और मजबूरी है क्या... और मजबूरी है क्या, इतना भी बतला ना सकूँ तेरी दुनिया से होके मजबूर चला मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला तेरी दुनिया से... आँख भर आई अगर, अश्कों को मैं पी लूँगा आह निकली जो कभी, होंठों को मैं सी लूँगा तुझसे वादा है किया... तुझसे वादा है किया, इस लिए मैं जी लूँगा तेरी दुनिया से होके मजबूर चला मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला तेरी दुनिया से... ख़ुश रहे तू है जहाँ, ले जा दुआएँ मेरी तेरी राहों से जुदा हो गईं राहें मेरी कुछ नहीं साथ मेरे... कुछ नहीं साथ मेरे, बस हैं ख़ताएँ मेरी तेरी दुनिया से होके मजबूर चला मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला तेरी दुनिया से...
Writer(s): Prem Dhawan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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