Lyrics
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखियां प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखिया प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम
मंन मंदिर की ज्योति जगादो
मंन मंदिर की ज्योति जगादो
घट घट बासी रे, दर्शन दो घनश्याम
मंदिर मंदिर मूरत तेरी
फिर भी ना दिखे सूरत तेरी
मंदिर मंदिर मूरत तेरी
फिर भी ना दिखे सूरत तेरी
युग बीते ना आई मिलन की
पूर्णमासी रे
दर्शन दो घनश्याम
द्वार दया का जब तू खोले
पंचम सुर में गूगा बोले
द्वार दया का जब तू खोले
पंचम सुर में गूगा बोले
अँधा देखे लंगड़ा चल कर
पहुँचे कासी रे
दर्शन दो घनश्याम
पानी पी कर प्यास बुझाओ
नैनन को कैसे समझाऊँ
आँख मिचौली छोड़ो अब तो
मंन के बासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी
अखिया प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम
Writer(s): G S Nepali, Ravi
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