Credits
PERFORMING ARTISTS
Jagjit Singh
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Mirza Ghalib
Songwriter
Lyrics
फिर कुछ इस दिल को बेक़रारी है
फिर कुछ इस दिल को बेक़रारी है
सीना जुया-ए-ज़ख़्म-ए-कारी है
फिर कुछ इस दिल को...
फिर जिगर खोदने लगा नाखून
आमद-ए-फ़स्ल-ए-लाला-कारी है
फिर कुछ इस दिल को...
फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं
फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं
फिर वही ज़िंदगी हमारी है
फिर कुछ इस दिल को...
बेख़ुदी बेसबब नहीं, ग़ालिब
कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है
फिर कुछ इस दिल को बेक़रारी है
Written by: Jagjit Singh, Mirza Ghalib