Lyrics
निंदिया से जागी बहार
कैसा मौसम देखा पहली बार
निंदिया से जागी बहार
कैसा मौसम देखा पहली बार
कोयल कूह्के-कूह्के गाए मल्हार
कूह्के-कूह्के गाए मल्हार
निंदिया से जागी बहार
कैसा मौसम देखा पहली बार
कोयल कूह्के-कूह्के गाए मल्हार
निंदिया से जागी बहार
कैसा मौसम देखा पहली बार
मैं हूँ अभी कमसिन, कमसिन
मैं हूँ अभी कमसिन, कमसिन
जानू ना कुछ इस बिन, इस बिन
रातें जवानी की, रातें जवानी की
बाली उमर के दिन
कब क्या हो नहीं एक बार
कैसा मौसम देखा पहली बार
कोयल कूह्के-कूह्के गाए मल्हार
कूह्के-कूह्के गाए मल्हार
निंदिया से जागी बहार
कैसा मौसम देखा पहली बार
कैसी ये रुत आई, रुत आई
कैसी ये रुत आई
सुनके मैं शरमाई, शरमाई
सुनके मैं शरमाई
कानों में कह गई क्या
कानों में कह गई क्या
जाने ये पुरवाई
पहने फूलों ने किरणों के हार
कैसा मौसम देखा पहली बार
कोयल कूह्के-कूह्के गाए मल्हार
कूह्के-कूह्के गाए मल्हार
निंदिया से जागी बहार
कैसा मौसम देखा पहली बार
कोयल कूह्के-कूह्के गाए मल्हार
कूह्के-कूह्के गाए मल्हार
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
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