Credits
PERFORMING ARTISTS
Kishore Kumar
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Shankar - Jaikishan
Composer
Hasrat Jaipuri
Songwriter
Lyrics
हम लोग हैं ऐसे दीवाने
दुनिया को झुका कर मानेंगे
हम लोग हैं ऐसे दीवाने
दुनिया को झुका कर मानेंगे
मंज़िल की धुन में आए हैं
मंज़िल को पा कर मानेंगे
हम लोग हैं ऐसे दीवाने
दुनिया को झुका कर मानेंगे
जो माँग है अपनी, पूरी हो
उस वक़्त तसल्ली पाएँगे
ऐसे तो नहीं टलने वाले
हम भूखे ही मर जाएँगे
हम भूखे ही मर जाएँगे
इस दिल में हज़ारों मौजे हैं
तूफ़ान उठा कर मानेंगे
हम लोग हैं ऐसे दीवाने
दुनिया को झुका कर मानेंगे
दो दिन की बहारें हैं जग में
कब ज़ुल्म किसी का चलता है?
ये ज़ुल्म का सूरज लाख जले
हर शाम को लेकिन ढलता है
हर शाम को लेकिन ढलता है
नफ़रत के शोले दिल में हैं
हम उनको बुझा कर मानेंगे
हम लोग हैं ऐसे दीवाने
दुनिया को झुका कर मानेंगे
सच्चाई की खातिर दुनिया में
गाँधी ने भी गोली खाई है
ईसा को चढ़ाया सूली पर
सच्चों ने जान गँवाई है
सच्चों ने जान गँवाई है
हाँ, हम भी किसी से कम तो नहीं
तक़दीर जगा कर मानेंगे
हम लोग हैं ऐसे दीवाने
दुनिया को झुका कर मानेंगे
मंज़िल की धुन में आए हैं
मंज़िल को पा कर मानेंगे
हम लोग हैं ऐसे दीवाने
दुनिया को झुका कर मानेंगे
Written by: Hasrat Jaipuri, Shankar - Jaikishan