Lyrics
हाँजी, रंचणा त रंचे...
हाँजी, रंचणा त रंचेयाले हरी गोबिन्दा
हे रामा, कैन रंचे सकल संसार भै हो
हाँ, हो सकल संसार भै हो
तू ही सूर्य, तू ही चन्द्र
तू ही सूर्य, तू ही चन्द्र
तू ही पवन, तू ही अगन
तू ही पवन, तू ही अगन
तू ही आप, तू आगास
तू ही आप, तू आगास
तू ही धरती यजमान
तू ही तू
हो, हेजी पौन पाणी अगनी रंचे बिधातान, हाँ
हेजी पौन पाणी अगनी रंचे बिधातान, हाँ
हे रामा, डाली बोटी चन्दर सूरीज भै हो
हाँजी, चन्दर सूरीज भै हो
हाँजी, चन्दर सूरीज भै हो
भव रुद्र उग्र सर्व...
भव रुद्र उग्र सर्व पशुपति सम समान, पशुपति सम समान
ईशान भीम सकल...
ईशान भीम सकल तेरे ही अष्ट नाम
तू ही तू
आहा, पौन पंछी फूल पात हरी गोबिन्दा
आहा, पौन पंछी फूल पात हरी गोबिन्दा
हे रामा, रंचेत नै ऋतू बसंत भै हो
हो-हो, नै ऋतू बसंत भै हो
हाँजी, नै ऋतू बसंत भै हो
नील गगन का रंग तू
नील गगन का रंग तू, सृष्टि लय में तरंग तू
चराचर में आनंद तू, चराचर में आनंद तू
तू ही तम है, प्रकाश तू है, प्रखर ज्वलित दीप्तिमान
तू ही तू
हे जी, सकल संसार रंचे बिधातान यो
हे जी, सकल संसार रंचे बिधातान यो
हे रामा, जैन रंचे भै बैणों को नातो भै हो
हे रामा, जैन रंचे भै बैणों को नातो भै हो
हे रामा, जैन रंचे भै बैणों को नातो भै हो
हे रामा, जैन रंचे भै बैणों को नातो भै हो
Writer(s): Pandavaas
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