Lyrics
पगलाई पगलाई दुनिया ये लोगों को
पढ़ती है अख्बारोंन की ही तरह
देखें वो जिस्मों से आगे भी थोड़ा सा
बातों के पीछे भी झांके ज़रा
जो है छुपा जो ना पढ़ा
कितना कुछ है ऐसा लिखा
नज़रों में जो आया नहीं
दुनिया वालों को ना दिखा
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
तेरे मेरे जैसा कोई होगा क्यूँ
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
चमकीले कागज़ सी
मुश्कानें हैं इन होंटों पे
बेईमानी संवार हम
जैसे हो इन चोंटों पे
सच में कभी हंस ना सके
घुल के रो भी पाते नहीं
क्या रोग है हम क्यूँ भला
जो भी वो हो जाते नहीं
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
तेरे मेरे जैसा कोई होगा क्यूँ
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
सपनो से तू जिंदा
सपनो से ही मैं जिंदा हूँ
झूठी सी दुनिया की
परवाह हमने करनी ही क्यूँ
कुछ खाश है, खुच खूब है
तुझमें तुझको है ये खबर
एक दोस्त सच से करीब
दूजा साथी तेरा सबर
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
तेरे मेरे जैसा कोई होगा क्यूँ
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ
तेरे मेरे जैसा कोई होगा क्यूँ
तेरे जैसा तू है
मेरे जैसी मैं हूँ...
Writer(s): Irshad Kamil, Amit Trivedi
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