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मैं चाहता हूँ कि चाहत में भीगूँ बरसात में
मैं चाहता हूँ मोहब्बत में जागूँ मैं रात में
मैं चाहता हूँ कि चाहत में भीगूँ बरसात में
मैं चाहता हूँ मोहब्बत में जागूँ मैं रात में
है मेरी तमन्ना मुझे वो मिल जाए
जिसे देखते ही दिल के अरमाँ खिल जाएँ
मैं चाहता हूँ कि उलफ़त में मेरा दिल फ़िर खो जाए
मैं चाहता हूँ मुझे प्यार हो जाए
दिल ढूँढता रहता है, वो लड़की ऐसी ही
मासूम सी, पगली सी, बस परियों जैसी ही
जो मुझसे ये कहे, "मुझे तुमसे प्यार है"
उससे मिलने के लिए दिल बेक़रार है
वो लड़की है कहाँ? उसे ढूँढूँ मैं कहाँ?
वो लड़की है कहाँ? उसे ढूँढूँ मैं कहाँ?
सपनों में आए, दिल को चुराए
पर सामने आए ना
Writer(s): Swastik The Band
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