तू ही बता कौन तू हैं मेरा
कब से तू दिल में रहता है क्या पता
क्यूँ लागे मुझे तेरे बिन ज़िन्दगी
एक पल भी कभी पाएगी ना खुशी
तुझको पहचाना
मैने तब जाना
की ज़िंदा हूँ मैं
तेरे लिए, सिर्फ़ तेरे लिए
हर पल रहूं मैं सिर्फ़ तेरे लिए
तेरे लिए, सिर्फ़ तेरे लिए
हर पल रहूं मैं सिर्फ़ तेरे लिए
छाई सी है जो आरज़ू दिल पे मेरे
क्या वही आरज़ू है तुझको भी घेरे
पल जो संग बीते उनकी तस्वीरें
रख ले आँखों में यूँ हम दोनो
फिर तू कहीं भी हो
लगे पास ही मुझको
की ज़िंदा हूँ मैं
तेरे लिए, सिर्फ़ तेरे लिए
हर पल रहूं मैं सिर्फ़ तेरे लिए
तेरे लिए, सिर्फ़ तेरे लिए
हर पल रहूं मैं सिर्फ़ तेरे लिए