Credits
PERFORMING ARTISTS
Shabbir Ahmed
Performer
Sameer Khan
Performer
Maneesh Singh
Performer
Shreyas Puranik
Performer
Jay Mehta
Performer
Sameer Khan,Maneesh Singh,Shreyas Puranik,Jay Mehta,Mayur Sakhare,Tejas Mahure
Lead Vocals
COMPOSITION & LYRICS
Shabbir Ahmed
Songwriter
Lyrics
मांगे सदा तेरे ही दर से दुआ
हो मांगे सदा तेरे ही दर से दुआ
तू जो सुने ना मेरा ये दर्द
तोह किसको सुनाऊँगा मैं
खाली उठा तेरे दर से जो मैं
तोह फिर कोन से दर पे जाऊँगा मैं
अल्लाह!
करबे करबला मददे सल्लालाह
हक़ अल्लाह, या अल्लाह हू अल्लाह हू
आप रसुले खुदा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
आप हबीबे खुदा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
आप नबी मुस्तफा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
या रसुलल्लाह, या रसुलल्लाह
या रसुलल्लाह, या रसुलल्लाह
आप रसुले खुदा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
आप हबीबे खुदा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
आप नबी मुस्तफा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
या रसुलल्लाह, या रसुलल्लाह
खारे खारे आँखों से आँसू बहें
रूह दादे ग़म आप से ना तोह किस से कहें
खारे खारे आँखों से आँसू बहें
रूह दादे ग़म आप से ना तोह किस से कहें
करबे करबला मददे सल्लालाह
हक़ अल्लाह, या अल्लाह हू अल्लाह हू
आप रसुले खुदा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
आप हबीबे खुदा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
आप नबी मुस्तफा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
या रसुलल्लाह, या रसुलल्लाह
या रसुलल्लाह, या रसुलल्लाह
सल्लालाह हू अलई ही वसल्लम
सल्लालाह हू अलई ही वसल्लम
सल्लालाह हू अलई ही वसल्लम
सल्लालाह हू अलई ही वसल्लम
खाली खाली दयारों को हासिल हुई
अँधेरे घर में रौशनी दाखिल हुई
खाली खाली दयारों को हासिल हुई
अँधेरे घर में रौशनी दाखिल हुई
गुनाहगार अपने गुनाहों नादिम हुवे
तब ज़िन्दगी जीने के क़ाबिल हुई
सूरज का रुकना चाँद का टूटना
आप की ही इशारे पे
या रसुलल्लाह (अल्लाह हू अल्लाह हू)
आप रसुले खुदा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
आप हबीबे खुदा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
आप नबी मुस्तफा (अल्लाह हू अल्लाह हू)
या रसुलल्लाह, या रसुलल्लाह
या रसुलल्लाह, या रसुलल्लाह
दुर-ओ-दो पाक दुर-ओ-दो सलाम पढ़ते हैं
गुनाहगार हैं फरियाद आप से करते हैं
दरारें दिल की दयारों पे पढ़ गई हैं मौला
आप की ज़ात से उम्मीद गुलाम करते हैं
हैं...
आप हैं अल्लाह के प्यार या रसुलल्लाह
आप ना शर ते सहारे या रसुलल्लाह
आप काली कमली वाले या रसुलल्लाह
आप हैं रब के दुलारे या रसुलल्लाह
या रसुलल्लाह, या रसुलल्लाह
रसुलल्लाह, नबी-ए-पाक रसुलल्लाह
नबी-ए-पाक रसुलल्लाह
Written by: Shabbir Ahmed