Lyrics
ख़ामियाँ ढूँढी इस जंग में बहुत
काटी तेरे बिना रातें वो जब
रातों की सारी वो बातें, अदाएँ
ना जब खो जाते हैं सवेरे में सब
तूने सिखाया जीने का वो पल
दुख में दिखाया हँसी का वो पल
छोड़ दिया जब मुझे मेरे हाल पे
बाँहों ने तेरी दिखाया वो स्वर्ग
तू, मैं, हम, मिल जाएँ जब
(स्वर्ग, स्वर्ग)
जागे थे हम जब ये बातें जो सारी
जब दिल की जुड़ी थी कहानी हमारी
तेरे बिना जैसे सूखा है पानी
कश्ती बिन किनारी, आरी बिन धारी
मदहोशी में थोड़ा रो जाने दो
साँसों को साँसों में खो जाने दो
आँखों पे तेरी जो वारा मैं जाऊँ
थोड़ा मुझको मर जाने दो, बस जाने दो
तेरी कमी ही जैसे नमी
नर्म सी हो जाती है हर घड़ी
बेरहम है तेरी यादें बड़ी
बातें समझ मेरी है, कुछ है
कुछ तेरा भी मुझसे है नाता पुराना
अधूरा है, टूटा है, पर सबसे पूरा भी
तू भी है, मैं भी जहाँ उस जगह पे भी
तू, मैं, हम, मिल जाएँ जब
(स्वर्ग, स्वर्ग, स्वर्ग, स्वर्ग)
ना जाने तू, ये क्या है मेरा
तो एक पल भी ना सह पाऊँ मैं (फ़ासले)
बस जा इस दिल में, क्या है ख़फ़ा तू?
खो जाऊँ मैं पर लक़ीरें इन हाथों की तेरे ही हाथ में
तू, मैं, हम, मिल जाएँ जब
(स्वर्ग, स्वर्ग, स्वर्ग, स्वर्ग)
Written by: Jessjit Singh